व्याख्यान
भक्ति सूत्र
प्रेम के सूत्र
भक्ति सूत्र क्या हैं ?
जीवन प्रेम से बहता है - मूल प्रेम है और जीवन प्रेम की खोज है। जीवन का लक्ष्य भी प्रेम है, और मध्य में जीवन प्रेम से ही बना रहता है। इस ग्रह पर एक भी प्राणी या जीवित इकाई नहीं है जो प्रेम को नहीं जानता हो या प्रेम से रहित है। अनादि काल से नारद और भक्ति पर्यायवाची रहे हैं। श्री श्री रविशंकर जी नारद के भक्ति सूत्रों पर - प्रेम सूत्रों पर एक प्रेरक प्रवचन देते हैं|
श्री श्री रविशंकर जी की व्याख्या
यदि हम प्रेम नामक पदार्थ से बने हैं, तो हम इसका अनुभव क्यों नहीं करते ? इतना दुख क्यों है ? अगर सृष्टि में हर जगह प्रेम है, तो प्रेम की खोज क्यों है ? हम प्रेम की खोज क्यों करते हैं ?
जब ये सवाल मानव मन को विचलित करने लगते हैं, तो किसी की आध्यात्मिक यात्रा शुरू हो गई है। प्रेम क्या है? ऋषि नारद ने प्रेम पर ये भक्ति सूत्र रचे।
ऋषि नारद की रचना पर श्री श्री रविशंकर जी द्वारा दिया गया एक प्रवचन - भक्ति अर्थात प्रेम की पराकाष्ठा के प्रति समर्पण ।
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